वीटो पावर वाले देश – Veto Power Countries in Hindi

संयुक्त राष्ट्र (UN) सुरक्षा परिषद (Security Council) में पांच वीटो पावर वाले देश हैं। ये पांच देशों के वीटो पावर की शक्ति से यह किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार या खारिज कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाँच स्थायी सदस्य के साथ-साथ 10 अस्थायी  सदस्य भी हैं।

UNO के 6 अंगों में से जो सबसे महत्वपूर्ण अंग है, वह UNITED NATION SECURITY COUNCIL (UNSC) जिसे हिंदी में हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी बोलते हैं। इसे हम दुनिया का पुलिसमैन भी कहते हैं। अगर दुनिया में किसी भी देश को सजा देनी है तो वह सजा वीटो पावर वाले देश देते हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में जो 10 अस्थायी सदस्य है, उनका कार्यकाल सिर्फ 2 साल तक रहता है। लेकिन जो स्थायी सदस्य हैं, वे हमेशा permanent member होंगे।


वीटो पावर वाले देश

15 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्य पांच वीटो पावर वाले देश चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटन और अमरीका है।

veto power countries – China, Russia, France, The United Kingdom and United States of America


वीटो पावर क्या है – what is veto power

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) me 5 स्थायी सदस्यों के पास वीटो पावर है। Veto power जिसे हिन्दी में हम (निषेद शक्ति) की कहते है। आसान भाषा में हम समझे तो वीटो पावर का मतलब है ना बोलना। अगर किसी भी चीज को हमें ना बोलना है तो उसे हम वीटो कर सकते हैं।

अगर कोई भी देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोई प्रस्ताव लाता है, यदी us प्रस्ताव पर वीटो कर दिया जाए तो उस प्रस्ताव को पास नहीं किया जाएगा। उसे वहीं पर रद्द कर दिया जाएगा।

वीटो पॉवर का मतलब किसी भी प्रस्ताव को हमेशा के लिए रोक देना या खारिज कर देना। सिर्फ पांच स्थायी सदस्यों के पास ही वीटो पावर है, लेकिन जो 10 अस्थायी सदस्य हैं उनके पास वीटो पावर नहीं होता।

UNO में 193 देश शामिल है। अगर UNO में कोई प्रस्ताव (Resolution) आया और उस प्रस्ताव को 192 देशों की मंजूरी मिलती है। लेकिन उसे पर कोई एक स्थायी सदस्य veto कर देता है, तो उसे Resolution को पास नहीं किया जाएगा। वीटो की यह पावर है कि वह किसी भी प्रस्ताव को एक वीटो से खारिज या रद्द कर सकता है।


वीटो पावर कितने देशों के पास है

चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटन और अमरीका ये पांच देश है जिनके पास वीटो पावर है। जबसे UNO बना है तबसे सिर्फ यही पांचो देश के पास वीटो पावर है। इसके अलावा जितने भी देश है उन्हें वीटो पावर नहीं दिया जाता।

तिब्बत(Tibet) के ऊपर जब चीन ने कब्जा किया था, तब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यह प्रस्ताव लाया गया था, कि चीन गलत कर रहा है ।  उसे तिब्बत को आजाद करना होगा । सभी देशों ने इस प्रस्ताव को पास कर दिया था । लेकीन चीन UNSC का एक स्थायी सदस्य है, और चीन के पास वीटो पावर है  । तो उसने अपना वीटो पावर का इस्तेमाल करके प्रस्ताव को खारिज कर दिया और अब तिब्बत चीन का भाग है ।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जो देश सिर्फ 2 साल के कार्यकाल के लिए सदस्य बनते हैं उन्हें वीटो पावर नहीं दिया जाता है। वीटो पावर सिर्फ पांच देशों के पास ही होगा। अभी तक UNO में ऐसा कोई rule नहीं है कि पांच स्थायी सदस्यों  की वीटो पावर को वापस लिया जा सके।


किस देश के पास वीटो पावर नहीं

UNITED NATION SECURITY COUNCIL में कूल 15 सदस्य होते है। जिनमे से 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते है। 193 देश UNO का हिस्सा है।

वीटो पावर सिर्फ 5 स्थायी सदस्यो के पास है, उसके अलावा जो भी 10 अस्थायी सदस्य है, उनके पास वीटो पावर नहीं है। उनका कार्यकाल सिर्फ 2 साल का होता है। हर 2 साल में 10 अस्थायी सदस्य बदलते रहते है।

2021-2022 में भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य था। 193 देशों में से 184 देशों ने बाहर के पक्ष में vote किया था। लेकिन अस्थायी सदस्य होने के कारण भारत के पास वीटो पावर नही थी। जो भी देश अस्थयी सदस्य बनाते है उन्हें वीटो पावर नही दी जाती।


भारत को वीटो पावर क्यों नहीं मिला

World War 2 के बाद जब United Nations बना था। तब उसी वक्त UN me संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) बनाया गया था। 5 देश चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटन और अमरीका को वीटो पावर दिया गया था। इन 5 देशों के अलावा किसी भी देश को वीटो पावर नही दिया गया था।

भारत भी उनमे से एक देश था जिसे वीटो पावर नही दिया गया था। लेकिन UNSC में ये बात चलती रहती है की बाहर को भी एक Permanent member बनाया जाए और उसे वीटो पावर दिया जाए।  चीन हमेशा इस प्रस्ताव पर veto कर देता है , जिससे भारत को Permanent member नही बनाया जगा है। इसलिए भारत को वीटो पावर नही मिला।

भारत ने Treaty on the Non-Proliferation of Nuclear Weapons (NPT) और The Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty (CTBT) per sign नही किया ह। जिसकी वजह से चीन इस मुद्दे को लाकर भारत को वीटो पावर न देने में रोक लगाता है।

वीटो पावर कैसे मिलती है

वीटो पावर मिलने के लिए सभी UNSC पांच स्थयी सदस्य की मंजूरी जरूरी है। अगर सभी स्थयी सदस्य के देश राजी होते है तो वो वीटो पावर किसी दूसरे देश को दे सकते है।

जब से UNO बना है तब से आज तक किसी भी देश को वीटो पावर नही दिया गया है। Veto power के लिए सबसे प्रमुख देश भारत को भी वीटो नही दिया गया है।

भारत वीटो पावर का प्रबल दावेदार है l भविष्य में अगर सभी स्थयी सदस्य ने भारत के पक्ष में वोट किया तो भारत पहला देश हो सकता है, जिसे वीटो पावर मिल जाए।


क्या भारत को वीटो पावर मिल सकता है?

भविष्य में भारत को वीटो पावर मिल सकता है क्योंकि, भारत के पास कुछ ऐसी चीजे हैं जो भारत को वीटो दिलाने में सहायता करेगी।

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र (Democracy) हैं । UNO लोकतंत्र को मानता है । Democracy होने की वजह से लोगो को कुछ भी करने की आजादी मिलेगी।
  • भारत एक SECULAR देश है । यह किसी भी जाति या धर्म को संविधान से बड़ा नही बनाया गया है। भारत में सभी जाति धर्म के लोग मिलजुल के रह सकते है।
  • दुनिया में  सबसे ज्यादा शांति की बात भारत करता है। जहां कहीं भी युद्ध होता है, तो भारत अपनी Peace Keeping Force भेजता है।
  • दुनिया में जब भी किसी देख को अनाज और दावा की जरूरत होती है, तो भारत उसकी मदद करने में पीछे नहीं हटता। कोरोना के वक्त भारत में अफ्रीका के देशों को सबसे पहले vaccine दी थी जिससे उनका इलाज किया जा सके।
  • UNO terrorist को support नही करता । भारत आए दिन terrorist के खिलाफ लड़ता है।
  • पाकिस्तान और चीन को छोड़कर पूरी दुनिया में भारत के बहुत ही अच्छे रिश्ते हैं। भारत अपने आस-पड़ोस के देशों की बहुत ही सहायता करता है ।जो भी उसकी मित्र देश है, जरूरत आने पर उनकी भी सहायता करता है।

Veto meaning in Hindi – वीटो का मतलब क्या होता है?

Veto ka meaning मना करना या रोक लगाना होता है। किसी भी चीज को रोक देना या वीटो कर देना। ये वीटो की शक्तियां सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 5 स्थायी सदस्यों की पास है।

जब भी  UNO में किसी भी प्रस्ताव को रोकना होता है तो उस प्रस्ताव को रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल करते हैं। किसी प्रस्ताव पर अगर बाकी देशों की सहमति है, लेकिन किसी एक देश के वीटो करने पर उसे रोका जा सकता है।


FAQ on वीटो पावर वाले देश

Q. वीटो पावर कौन कौन से देश को मिलता है?

Ans: वीटो पावर चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटन और अमरीका को मिला है।

Q. क्या भारत को वीटो पावर मिल सकता है?

Ans: भविष्य मे स्थयी सदस्यों के मंजूरी से भारत को वीटो पावर मिल सकता है।

Q. वीटो शब्द का अर्थ ?

Ans: वीटो शब्द का अर्थ मना करना या रोक लगाना होता है।

Q. क्या चीन के पास वीटो पावर है?

Ans: हा चीन के पास वीटो पावर है।


Conclusion on वीटो पावर वाले देश

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटन और अमरीका ये पांच वीटो पावर वाले देश हैं

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 10 अस्थयी सदस्य है जिनके पास वीटो पावर नही होता। वीटो पावर से कोई भी प्रस्ताव को मंजूरी या रोक जा सकता है।

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